मुंबई में बड़ी मराठा आंदोलन की रफ्तार, आरक्षण की मांग ने रोकी शहर की गति

मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते आज महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी पूरी तरह थम गई. मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में हज़ारों प्रदर्शनकारी आज़ाद मैदान में जमा हुए, जिससे शहर की सड़कों पर भारी जाम लग गया. मराठा समुदाय की माँग है कि उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए.

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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते आज महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी पूरी तरह थम गई. मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में हज़ारों प्रदर्शनकारी आज़ाद मैदान में जमा हुए, जिससे शहर की सड़कों पर भारी जाम लग गया. मराठा समुदाय की माँग है कि उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए. इस आंदोलन ने न सिर्फ़ दक्षिण मुंबई की सड़कें जाम कर दीं, बल्कि प्रशासन के लिए भी कई चुनौतियाँ खड़ी कर दीं.

पुलिस की बढ़ी मुश्किलें

साउथ मुंबई में मराठा आंदोलनकारियों ने सड़कों पर बैठकर चक्का जाम कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. प्रदर्शनकारियों ने पानी, शौचालय और बुनियादी सुविधाओं की मांग की. उनका आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया और आजाद मैदान में कोई व्यवस्था नहीं की गई. पुलिस और बीएमसी ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया, जिसके बाद पी डिमेलो रोड पर यातायात बहाल हो सका.

भोजन की कमी का आरोप

आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रशासन ने होटल, फूड जॉइंट्स और अन्य सुविधाएं बंद करवा दीं, जिससे उन्हें भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ा. बीएमसी द्वारा उपलब्ध कराए गए 10 पानी के टैंकरों का उपयोग प्रदर्शनकारी नहाने, कपड़े धोने और खाना बनाने के लिए कर रहे हैं. कुछ आंदोलनकारियों ने सड़क पर ही साबुन लगाकर स्नान शुरू कर दिया, जो उनकी निराशा और आक्रोश को दर्शाता है.

मनोज जरांगे का सातवां अनशन

मनोज जरांगे पाटील लंबे समय से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. यह उनका सातवां अनशन है. विधानसभा चुनावों से पहले भी उन्होंने इसी मुद्दे पर अनशन किया था. उनकी दृढ़ता और समुदाय का समर्थन इस आंदोलन को और मजबूती दे रहा है.

शिंदे समिति की बैठक और मराठा आरक्षण

महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति शिंदे समिति आज मनोज जरांगे से आजाद मैदान में मुलाकात करेगी. समिति ने हाल ही में मंत्री कृष्ण विखे पाटील के निवास पर दो घंटे की बैठक की, जिसमें मराठा आरक्षण को लागू करने की प्रक्रिया पर चर्चा हुई. सितंबर 2023 में गठित इस समिति का उद्देश्य मराठा समुदाय को कुणबी (OBC) श्रेणी में शामिल करने के लिए विधिक ढांचा तैयार करना है.

मराठा आरक्षण आंदोलन ने मुंबई की सड़कों को ठप कर दिया है, और यह मुद्दा अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का केंद्र बन गया है. सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच संवाद की उम्मीद बनी हुई है, लेकिन समाधान निकलने तक शहर की रफ्तार पर असर पड़ सकता है.