हरियाणा चुनाव से पहले बीजेपी को लगा झटका, प्रदेश में तैयार बागियों की फौज

Haryana Elections: हरियाणा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 67 कंडीडेट्स की लिस्ट जारी कर दी है. ऐसा करने के पीछे पार्टी का मूल कारण यह है कि कंडीडेट्स को चुनाव की तैयारी के लिए समय मिल सके. वहीं, अब यह दांव उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है. अब कई सीटों पर भाजपा के बागी नेता उतरने के लिए तैयार बैठे हैं. 

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Courtesy: social media

Haryana Elections: हरियाण विधानसभा चुनावों में अब बहुत अधिक दिन शेष नहीं रह गए हैं. इसको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके, इसको देखते हुए यह निर्णय लिया था, लेकिन अब उनका यह निर्णय गलत साबित होता दिख रहा है. अब भारतीय जनता पार्टी के कई बागी चुनाव में उतरने की तैयारी में लगे हुए हैं.

10 साल की एंटी इनकम्बैंसी के बीच मैदान में आ रही भाजपा की टेंशन काफी अधिक बढ़ गई है. देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कहा है कि वे हिसार के लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर हैं और वे चुनाव लड़ेंगी. सावित्री जिंदल ने कहा कि वे अपने बेटे नवीन जिंदल के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरी थीं. इस कारण मैंनें भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन नहीं की थी. इस कारण मैं आजाद हूं. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है. इसके साथही हरियाणा भाजपा के किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर श्योरण और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष करणदेव कांबोज ने भी इस्तीफा दे दिया है. 

इन्होंने भी दिया इस्तीफा

रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने भी टिकटों की लिस्ट आते ही पार्टी त्याग दी है. राज्य मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वे इसके बाद ही आगे की रणनीति तय करेंगे. 

विचारधारा के साथ हो रहा है धोखा

भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं का कहना है कि पार्टी की विचारधारा के साथ समझौता हो रहा है. भाजपा से इस्तीफा देते हुए ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष करण देव कांबोज ने कहा है कि पार्टी ने दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा के साथ धोखा किया है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी दगाबाजों को इनाम दे रही है. जिन लोगों ने पांच साल तक पार्टी को नुकसान पुहंचाया है. उन्होंने कहा का मेरे जैसे प्रतिबद्ध लोग किनारे लगे हैं और पार्टी विरोधी लोग एक शाम आते हैं टिकट पा जाते हैं. 

विनोद शर्मा की पत्नी बनीं उम्मीदवार 

रणजीत सिंह भी बागी होकर चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं. उनके बगावत की मेन वजह 10 बाहरी नेताओं को टिकट मिलना है. इन नेताओं में शक्ति रानी शर्मा का भी नाम है. ये पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं. वह हाल ही में भाजापा में आई थीं. उनके पार्टी में आते ही उन्हें टिकट मिल गया है. इसके साथ ही जननायक जनता पार्टी के बागियों को भी भाजपा ने टिकट दिया है. रोहतक में शमशेर खरखरा अब मेहम सीट से उतरने की तैयारी कर रहे हैं. वे भी पहलवान दीपक हुड्डा को टिकट दिए जाने से खफा हैं. 

इस दलित नेता ने भी पार्टी को बोला टाटा

जेजीपी से अनूप धानक को टिकट मिल गया है. इस कारण दलित नेता सीमा गबिपुर ने भी पार्टी छोड़ दी है. पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य की पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उनकी जगह जेजीपी से आए नेता राम कुमार गौतम को टिकट दिया है. अब बचन सिंह आर्य निर्दलीय उतरने की तैयारी कर रहे हैं. थानसेर से जय भगवान शर्मा निर्दलीय उतरने की तैयारी में हैं. पर्थला सीट पर भाजपा ने टेक चंद शर्मा को उतारा है. इस कारण भाजपा का साथ देने वाले निर्दलीय विधायक नयनपाल राव इस सीट से फिर मैदान में होंगे.