'लोकतंत्र पर हमला....', मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम-सीएम हटाने वाले बिल को बताया 'बुलडोजर', जानें क्या है?

इंदिरा भवन में हरियाणा और मध्य प्रदेश के नवनियुक्त जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों के साथ बैठक में खरगे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 'वोट चोरी' के बाद अब नए विधेयकों के जरिए 'सत्ता चोरी' की साजिश रच रही है.

Date Updated
फॉलो करें:

Mallikarjun Kharge: इंदिरा भवन में हरियाणा और मध्य प्रदेश के नवनियुक्त जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों के साथ बैठक में खरगे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 'वोट चोरी' के बाद अब नए विधेयकों के जरिए 'सत्ता चोरी' की साजिश रच रही है.

उन्होंने केंद्र द्वारा पेश किए गए उस विधेयक की कड़ी आलोचना की, जिसके तहत गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक जेल में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को 31वें दिन पद से इस्तीफा देना होगा. खरगे ने इसे 'लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने' जैसा कदम करार दिया.

'वोट चोरी' का गंभीर आरोप

खरगे ने कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में कथित 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इस सिलसिले में विस्तृत जानकारी दी थी, जिसमें एक सुनियोजित साजिश के तहत वोटों में हेरफेर का दावा किया गया. खरगे ने बताया कि छह महीने की गहन जांच के बाद कांग्रेस को इस साजिश का पता चला. उन्होंने भाजपा पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दुरुपयोग कर विपक्षी वोटों को हटाने का आरोप लगाया.

संसद में चर्चा से बच रही सरकार

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष चाहता था कि संसद का मानसून सत्र सुचारू रूप से चले और मतदाता सूची में हेरफेर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हो. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा से बचने की कोशिश की. खरगे ने दावा किया कि सरकार एसआईआर का इस्तेमाल कर विपक्ष के मतदाताओं को निशाना बना रही है, ताकि उनके वोटों को कम किया जा सके.

कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची पर नजर रखने का आह्वान

खरगे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मतदाता सूचियों पर कड़ी निगरानी रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि भाजपा बूथ स्तर पर कांग्रेस समर्थकों के नाम हटाने की कोशिश कर सकती है. साथ ही, उन्होंने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' का जिक्र किया, जिसमें लाखों लोग मतदाता हेरफेर के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. खरगे ने पीएम मोदी पर लोगों को गुमराह करने के लिए 'घुसपैठियों' का मुद्दा उठाने का आरोप भी लगाया.

विवादास्पद विधेयक का मकसद

केंद्र सरकार द्वारा पेश इस विधेयक में प्रस्ताव है कि गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक जेल में रहने वाले शीर्ष नेताओं को अपने पद से इस्तीफा देना होगा. खरगे ने इसे नागरिकों के चुनी हुई सरकार को बनाने और हटाने के अधिकार पर हमला बताया. उन्होंने कहा कि यह विधेयक ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों को असीमित शक्ति देगा, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है.