इंडिगो का महासंकट गहराया!1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द, DGCA ने बदले नियम, जानें कब तक पटरी पर लौटेगी एयरलाइन

देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने संचालन के इतिहास के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है. नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों और पायलट–क्रू की भारी कमी ने एयरलाइन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है.

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IndiGo Flight Crisis: देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने संचालन के इतिहास के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है. नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों और पायलट–क्रू की भारी कमी ने एयरलाइन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. गुरुवार और शुक्रवार दो दिनों में ही 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जबकि सैकड़ों उड़ानें भारी देरी से चलीं. इससे देश के लगभग सभी प्रमुख एयरपोर्ट्स पर हंगामे जैसी स्थिति बन गई.

इंडिगो, जो रोजाना 2,300 से अधिक उड़ानें संचालित करती है, और घरेलू बाजार में लगभग 60% हिस्सेदारी रखती है, लगातार तीसरे दिन भी बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द कर रही है.

कुल रद्द उड़ानें 1000 पार

सूत्रों के मुताबिक, अकेले गुरुवार को ही देशभर में 250 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुईं. शुक्रवार सुबह भी स्थिति और बिगड़ गई. बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, भोपाल, सूरत और चेन्नई जैसे शहरों में इंडिगो के बड़े पैमाने पर ऑपरेशन ठप पड़े. कई यात्रियों को देर रात तक एयरपोर्ट पर फंसे रहना पड़ा, जबकि चेक-इन काउंटर और बैगेज क्षेत्रों में भीड़ बढ़ती चली गई.

DGCA ने दिए राहत के संकेत

शुक्रवार दोपहर संकट के बीच एक राहतपूर्ण कदम सामने आया. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने क्रू मेंबर्स के लिए दिए गए हर हफ्ते अनिवार्य आराम के नियम को तात्कालिक प्रभाव से वापस ले लिया. DGCA ने कहा कि कई एयरलाइनों के अनुरोध के बाद और संचालन की स्थिरता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है. हालांकि राहत के बावजूद इंडिगो का संचालन तुरंत सामान्य नहीं होगा. DGCA ने साफ कहा कि उड़ानें सामान्य होने में कम से कम 48 घंटे लगेंगे. 

इंडिगो के पायलटों की कमी उजागर

इंडिगो ने DGCA को बताया कि नए FDTL नियमों के हिसाब से एयरबस A320 फ्लीट को सुरक्षित और स्थिर रूप से चलाने के लिए उन्हें चाहिए:

2,422 कैप्टन

2,153 फर्स्ट ऑफिसर

लेकिन एयरलाइन के पास वर्तमान में हैं:

2,357 कैप्टन

2,194 फर्स्ट ऑफिसर

यानी पायलटों की कमी ने नए नियमों की वजह से बड़ी बाधा पैदा की है.

हैदराबाद, गोवा, मुंबई, दिल्ली—हर जगह हंगामा

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक:

हैदराबाद

शुक्रवार को 49 आउटबाउंड और 43 इनबाउंड उड़ानें रद्द

गुरुवार को पहले ही 37 उड़ानें रद्द हुई थीं

गोवा (डाबोलिम एयरपोर्ट)

इंडिगो की 30 घरेलू फ्लाइट्स शुक्रवार सुबह ही रद्द

मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और इंदौर के रूट प्रभावित

अहमदाबाद

शुक्रवार को 86 फ्लाइट्स रद्द

दोपहर 12 से 4 बजे के बीच अचानक रद्द उड़ानों की संख्या बढ़ी

मुंबई

गुरुवार को इंडिगो ने 118 उड़ानें रद्द कीं

कई फ्लाइट्स में 23 घंटे से ज्यादा देरी

बैगेज बेल्ट पर यात्रियों की भारी भीड़

दिल्ली—सबसे ज्यादा असर

शुक्रवार को इंडिगो ने दिल्ली से जाने वाली सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं

आधी रात तक सभी फ्लाइट्स कैंसिल घोषित

इंडिगो अकेले दिल्ली से 235 उड़ानें चलाती है

T1 से करीब 150

T2 से 50

बाकी T3 से

तीन दिन में ही दिल्ली एयरपोर्ट पर 500 से ज्यादा फ्लाइट्स प्रभावित हुईं.

OTP गिरकर 19.7% तक पहुंचा

इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) तेजी से नीचे गिरी:

  • सोमवार: ~50%
  • मंगलवार: 35%
  • बुधवार: 19.7%

इतना कम OTP किसी भी प्रमुख भारतीय एयरलाइन में दुर्लभ है.

यात्रियों की समस्याएं

अधिकांश यात्रियों ने बताया कि

  • उन्हें बिना किसी जानकारी के गेट बदल दिए गए
  • कई उड़ानें “विलंबित” दिखती रहीं और बाद में रद्द
  • रिफंड और रीबुकिंग में कई घंटे लग रहे हैं

एयरपोर्ट अथॉरिटी को भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाना पड़ा.

इंडिगो का बयान

एयरलाइन ने कहा, 'अनदेखी ऑपरेशनल चुनौतियों के कारण पूरे नेटवर्क में बाधाएं आई हैं. यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद है.'इंडिगो ने आश्वासन दिया कि स्थिति जल्द सुधरेगी.

कब सुधरेगा संकट?

DGCA द्वारा नियम वापस लेने के बाद भी विशेषज्ञ कह रहे हैं:

  • पायलट शेड्यूलिंग फिर से संतुलित करने में 48–72 घंटे लगेंगे
  • भीड़भाड़ वाले एयरपोर्ट्स (दिल्ली, मुंबई) में स्थिति ज्यादा देर से सामान्य होगी
  • अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित होना जारी रह सकती हैं

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के इस संकट ने दिखा दिया है कि क्रू की कमी और कठोर नियमों का संयोजन पूरे एविएशन सिस्टम को कैसे हिला सकता है. अब सबकी नजरें इस पर हैं कि इंडिगो कितनी जल्दी स्थिति को सामान्य कर पाती है.