जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पाकिस्तान निर्वासित महिला की वापसी का आदेश

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को एक महिला, रक्षंदा रशीद, को पाकिस्तान से वापस लाने का आदेश दिया है, जिन्हें निर्वासित किया गया था. यह फैसला मानवाधिकारों की रक्षा और न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. 

Date Updated
फॉलो करें:

Jammu and Kashmir High Court: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को एक महिला, रक्षंदा रशीद, को पाकिस्तान से वापस लाने का आदेश दिया है, जिन्हें निर्वासित किया गया था. यह फैसला मानवाधिकारों की रक्षा और न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. 

रक्षंदा रशीद की याचिका

रक्षंदा रशीद ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में अपनी निर्वासन के खिलाफ याचिका दायर की थी. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में उनका कोई सहारा नहीं है और वे कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. रक्षंदा के अनुसार, उनका भारत में परिवार और सामाजिक आधार है, और निर्वासन ने उनके जीवन को संकट में डाल दिया है. उनकी याचिका में यह भी कहा गया कि यह कदम उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है.

कोर्ट का मानवाधिकार पर जोर

हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, “मानवाधिकार किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे पवित्र हिस्सा हैं.” उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को निर्देश दिए कि रक्षंदा को तुरंत भारत वापस लाया जाए और उनकी स्वास्थ्य स्थिति का उचित ध्यान रखा जाए.

कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में इस तरह के मामले मानवीय दृष्टिकोण से निपटाए जाएं. यह फैसला न केवल रक्षंदा के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह अन्य निर्वासित लोगों के लिए भी एक मिसाल कायम करता है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले की सराहना की है और इसे मानवाधिकारों की जीत बताया है.