Kishanganj fake Aadhaar card racket: बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा के निकट पुलिस ने एक सनसनीखेज फर्जी आधार कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया है. जियापोखर थाना क्षेत्र के गिलहबाड़ी गांव में छापेमारी के दौरान एक संदिग्ध एजेंट, अशरफुल, को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य आरोपी, जमाल और पंकज, मौके से फरार हो गए. पुलिस ने इस ऑपरेशन में कई फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप, प्रिंटर, बायोमेट्रिक मशीन, स्कैनर, नेपाली करेंसी और एक वाहन बरामद किया है.
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बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय पहचान की साजिश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड और अन्य भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराकर उन्हें देश में अवैध रूप से बसाने का काम कर रहा था. यह रैकेट न केवल फर्जी दस्तावेज तैयार करता था, बल्कि नेपाली और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित करने में भी संलिप्त था. इस गतिविधि से सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग और स्थानीय संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है.
इंटरनेशनल नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
किशनगंज के पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह रैकेट सीमावर्ती जिलों से लेकर अंतरराष्ट्रीय घुसपैठ नेटवर्क तक फैला हुआ प्रतीत होता है. बरामद वाहन का पश्चिम बंगाल कनेक्शन भी जांच के दायरे में आ गया है. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और सीमा चौकियों को सतर्क कर दिया गया है. केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस साजिश की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर बढ़ता खतरा
यह घटना सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है. स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही मांग की कि ऐसे खतरनाक गिरोहों पर नकेल कसने के लिए निगरानी को और सख्त किया जाए. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है.