राहुल गांधी के ‘मैच-फिक्सिंग’ दावों पर चुनाव आयोग का जवाब, 24 घंटे बाद भी कोई औपचारिक शिकायत नहीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘मैच-फिक्सिंग’ वाले बयान पर विवाद जारी है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने खुलासा किया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की और न ही आयोग से मुलाकात का समय मांगा.

Date Updated
फॉलो करें:

Rahul Gandhi: चुनाव आयोग के सूत्रों ने खुलासा किया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की और न ही आयोग से मुलाकात का समय मांगा. चुनाव आयोग के सूत्रों ने पीटीआई न्यूज एजेंसी को बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, कोई भी संवैधानिक संस्था, जिसमें चुनाव आयोग शामिल है, तब तक औपचारिक जवाब नहीं देती, जब तक राहुल गांधी लिखित शिकायत न करें.

कोई लिखित शिकायत नहीं

सूत्रों ने कहा, “राहुल गांधी ने 7 जून 2025 को गंभीर आरोप लगाए, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने न तो शिकायत दर्ज की और न ही मुलाकात का समय मांगा.”

सूत्रों ने जोड़ा कि एक तरफ राहुल गांधी इन मुद्दों को अत्यंत गंभीर बताते हैं, लेकिन लिखित में चुनाव आयोग को कुछ भी सौंपने से पीछे हट रहे हैं. आयोग ने यह भी बताया कि 15 मई को कांग्रेस को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था, जिस पर उन्होंने समय मांगा था.

चुनाव कर्मियों की नाराजगी

सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के आरोपों से देशभर के 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक निराश हैं. इन आरोपों से उनकी ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया जा रहा है. आयोग ने कहा कि ये कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए अथक मेहनत करते हैं.

‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’

शनिवार को राहुल गांधी ने दावा किया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’ था. उन्होंने कहा कि यह ‘मैच-फिक्सिंग’ अब बिहार और उन सभी जगहों पर होगी, जहां बीजेपी हार रही है. उन्होंने जोर दिया कि धांधली वाले चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं, जो संस्थाओं को कमजोर करते हैं और जनता का भरोसा तोड़ते हैं. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला कर जनता का चुनावी प्रक्रिया से भरोसा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.