Bihar: देशभर में लोकआस्था के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय के पावन अनुष्ठान से हो चुकी है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह पर्व सादगी, संयम और सामाजिक एकता का प्रतीक है, जो भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और आध्यात्मिक परंपराओं को जीवंत रखता है.
सभी व्रतियों को मेरा नमन- PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा अपने संदेश में लिखा, “छठ महापर्व की शुरुआत के साथ सभी व्रतियों को मेरा नमन. छठी मइया सभी को आशीर्वाद दें.” उन्होंने कहा कि छठ पूजा के दौरान दिखने वाला समर्पण, अनुशासन और सामूहिकता भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि छठ महापर्व आस्था, उपासना और प्रकृति प्रेम का अद्वितीय संगम है. इसमें अस्ताचलगामी (डूबते) और उदीयमान (उगते) सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. प्रसाद में फल, गन्ना, ठेकुआ जैसे प्राकृतिक तत्वों का समावेश होता है, जो मनुष्य और प्रकृति के गहरे संबंध का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पारिवारिक एकता का भी संदेश देती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज यह पर्व न केवल बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में, बल्कि भारत के हर कोने और विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों द्वारा भी बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है. उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रसार का प्रमाण बताया.
गायिका शारदा सिन्हा की याद में क्या कहा?
अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने लोक गायिका शारदा सिन्हा को भी विशेष रूप से याद किया. उन्होंने कहा, “कल मुझे बेगूसराय जाने का अवसर मिला यह मेरा सौभाग्य है. बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी का इस भूमि से गहरा आत्मीय रिश्ता रहा है. शारदा जी और बिहार के अनेक लोक कलाकारों ने अपने गीतों से छठ के उत्सव को भावपूर्ण पहचान दी है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शारदा सिन्हा जैसी लोक कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज़ और लोकधुनों से छठ को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है. उनके गीतों में भक्ति, मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान झलकता है, जो इस पर्व की आत्मा है. अंत में प्रधानमंत्री ने कामना की कि छठ महापर्व के पावन अवसर पर देशवासियों का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरे. उन्होंने कहा कि छठी मइया का आशीर्वाद सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उजाला लेकर आए.