Assam flood: असम में रविवार को लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात और खराब कर दिए हैं. बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15 जिलों में 78,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. सड़क और रेल यातायात बुरी तरह से बाधित है, जिससे राहत कार्यों में भी चुनौतियां बढ़ रही हैं.
नदियों का उफान
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने चेतावनी जारी की है कि असम की 10 प्रमुख नदियां, जिनमें ब्रह्मपुत्र और बराक शामिल हैं, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. डिब्रूगढ़ और जोरहाट के नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र, हेलाकांडी में धलेश्वरी और कटखल, श्रीभूमि में बराक और कुशियारा, तिनसुकिया में बूरीदिहिंग, गोलाघाट में धनसिरी और नागांव में कोपिली नदी खतरे के स्तर को पार कर चुकी हैं. इससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
रेल और सड़क यातायात पर असर
भारी बारिश ने रेल सेवाओं को भी प्रभावित किया है. नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार, बाराइग्राम-दुल्लबछेरा खंड में रेल पटरियों पर पानी भरने के कारण दुल्लबछेरा-सिलचर पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई है. दुल्लबछेरा-गुवाहाटी एक्सप्रेस अब बाराइग्राम से शुरू होगी. सड़क यातायात भी ठप है, खासकर कामरूप जिले के चायगांव क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-17 का बड़ा हिस्सा शनिवार से जलमग्न है. मेघालय से आने वाला पानी इस स्थिति को और बिगाड़ रहा है.
राहत और बचाव कार्य
राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ), पुलिस और अग्निशमन सेवाएं राहत कार्यों में जुटी हैं. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने तीन जिलों में रेड अलर्ट और आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मेघालय और अरुणाचल प्रदेश से आने वाले पानी ने बाढ़ को और गंभीर बनाया है.