Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा ने पूछताछ के दौरान बताया कि सिद्दीकी को गोली मारने के बाद उसने लीलावती अस्पताल के बाहर खड़े होकर इंतजार किया कि नेता जीवित हैं या नहीं. पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद शिवा ऑटोरिक्शा लेकर सीधे अस्पताल पहुंचा और भीड़ में खड़ा होकर स्थिति का जायजा लेता रहा.
एक कार के नीचे फेंक दिया हथियार
शिवा ने बताया कि गोली चलाने के बाद वह और उसके साथी मौके से फरार हो गए थे. शिवा अपने बैग में अतिरिक्त शर्ट लेकर आया था, जिसे बदलने के बाद उसने हथियार और बैग एक कार के नीचे फेंक दिया. अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा सिद्दीकी को मृत घोषित किए जाने के बाद शिवा ने कुर्ला रेलवे स्टेशन के लिए ऑटोरिक्शा लिया और ठाणे होते हुए पुणे पहुंच गया.
शिवा पिछले दो साल से पुणे में कबाड़ का काम करता था, जहां से उसने घटनास्थल से भागने की योजना बनाई थी. पुलिस ने बताया कि शिवा को इस काम के लिए 10 लाख रुपए, विदेश यात्रा, और मासिक खर्च दिए जाने का वादा किया गया था.
साथी मौके से फरार हो गए थे
इस हत्याकांड में अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से दो शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को मौके से ही पकड़ लिया गया था, जबकि शिवा भागने में सफल रहा. पुलिस को घटनास्थल से शिवा का बैग, पिस्तौल, गोलियां, और शर्ट भी बरामद हुई हैं. पुलिस ने जानकारी दी है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों को झारखंड के जंगल क्षेत्र में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी.
शिवा ने बताया कि गोली चलाने के बाद वह और उसके साथी मौके से फरार हो गए थे. शिवा अपने बैग में अतिरिक्त शर्ट लेकर आया था, जिसे बदलने के बाद उसने हथियार और बैग एक कार के नीचे फेंक दिया. अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा सिद्दीकी को मृत घोषित किए जाने के बाद शिवा ने कुर्ला रेलवे स्टेशन के लिए ऑटोरिक्शा लिया और ठाणे होते हुए पुणे पहुंच गया.
शिवा पिछले दो साल से पुणे में कबाड़ का काम करता था, जहां से उसने घटनास्थल से भागने की योजना बनाई थी. पुलिस ने बताया कि शिवा को इस काम के लिए 10 लाख रुपए, विदेश यात्रा, और मासिक खर्च दिए जाने का वादा किया गया था.
23 आरोपी गिरफ्तार
इस हत्याकांड में अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से दो शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को मौके से ही पकड़ लिया गया था, जबकि शिवा भागने में सफल रहा. पुलिस को घटनास्थल से शिवा का बैग, पिस्तौल, गोलियां, और शर्ट भी बरामद हुई हैं. पुलिस ने जानकारी दी है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों को झारखंड के जंगल क्षेत्र में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी.