India Kills Terrorists: भारत के सबसे खूंखार आतंकवादियों में शुमार अबू जुंदाल, हाफिज मुहम्मद जमील, यूसुफ अजहर, अबू अकाशा और मोहम्मद हसन खान को पाकिस्तान के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में ढेर कर दिया गया.
भारतीय सेना द्वारा पहलगाम हमला के 15 दिनों बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कहर बरसाया गया. इन आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर शामिल थे, जो भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रच रहे थे.
मुदस्सर खादियां खास जिसे अबू जुंदाल के नाम से भी जाना जाता था, उसने लश्कर-ए-तैयबा की कमान संभाल रखी थी. उसका अंतिम संस्कार एक सरकारी स्कूल में हुआ, जहां जमात-उद-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने नमाज-ए-जनाजा पढ़ाई. हैरानी की बात है कि इस मौके पर पाकिस्तानी सेना का एक लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक मौजूद थे. हाफिज मुहम्मद जमील जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और जैश सरगना मसूद अजहर का साला था. मोहम्मद यूसुफ अजहर जिसे उस्ताद जी या घोसी साहब भी कहा जाता था, जो की जैश का वरिष्ठ कमांडर था. इसका नाम IC-814 विमान अपहरण कांड में भी बताया जाता है. खालिद उर्फ अबू अकाशा लश्कर से जुड़ा आतंकी था. इसका लिंक जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी मामले में लिप्त था. मोहम्मद हसन खान जैश का ऑपरेशनल कमांडर था और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का समन्वय करता था.
इन आतंकियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की मौजूदगी ने एक बार फिर पाकिस्तान के सशस्त्र बलों और आतंकी संगठनों के बीच गहरे रिश्तों को उजागर किया. मुदस्सर खास के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर व पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. यह शिविर वही जगह है, जहां 2008 के मुंबई हमलों के आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली ने प्रशिक्षण लिया था. यह घटना पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने के रवैये को और स्पष्ट करती है.