जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर डबल वार! सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, दहशतगर्दों और मददगारों पर शिकंजा

जम्मू-कश्मीर में एक तरफ घाटी में आतंकी ठिकानों और उनके समर्थकों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करते हुए आतंकियों का सफाया किया जा रहा है. सुरक्षा बलों के इस अभियान को पाकिस्तान और POK से संचालित आतंकी नेटवर्क के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.

Date Updated
फॉलो करें:

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में एक तरफ घाटी में आतंकी ठिकानों और उनके समर्थकों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करते हुए आतंकियों का सफाया किया जा रहा है. सुरक्षा बलों के इस अभियान को पाकिस्तान और POK से संचालित आतंकी नेटवर्क के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.

कुलगाम जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों ने शनिवार को बड़े पैमाने पर आतंकवाद-रोधी अभियान (Anti-Terror Operation) चलाया. यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ थी, जिन पर पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) के निर्देश पर आतंकियों को आर्थिक, तकनीकी या लॉजिस्टिक मदद पहुंचाने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर कुलगाम जिले के कई इलाकों में एक साथ घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) चलाया गया. यह तलाशी उन संदिग्ध नागरिकों के इर्द-गिर्द केंद्रित थी, जिनके आतंकवादी नेटवर्क से संपर्क होने या फंडिंग में शामिल होने की आशंका थी.

आतंकवादी संगठनों की प्रचार 

इस अभियान के दौरान कई ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और नागरिकों के रिश्तेदारों पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज किए गए हैं. इन पर आतंकियों को रसद सहायता देने, भर्ती अभियान में मदद करने और आतंकवादी संगठनों की प्रचार सामग्री फैलाने का आरोप है. पुलिस टीमों ने बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन और आपत्तिजनक दस्तावेज भी ज़ब्त किए हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कदम दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद के समर्थन ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त करने के चल रहे अभियान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला नेटवर्क खत्म नहीं हो जाता, ऐसे उपाय लगातार जारी रहेंगे.

इसी बीच, सुरक्षा बलों ने कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में ‘ऑपरेशन पिंपल’ के तहत दो आतंकवादियों को मार गिराया. शुक्रवार रात मिली खुफिया जानकारी के बाद सेना और पुलिस ने संयुक्त रूप से यह अभियान शुरू किया था. शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ में दोनों आतंकवादी मारे गए.

जेलों में भी सख्ती

इसके अलावा, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने भी कई जेलों में छापेमारी कर अवैध मोबाइल फोन और अन्य संचार उपकरणों के इस्तेमाल पर सख्ती की है. अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए निगरानी और जांच और भी तेज की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों का यह समन्वित अभियान घाटी में आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने की दिशा में बड़ी रणनीतिक पहल साबित हो रहा है. घाटी में अब केवल आतंकियों पर ही नहीं, बल्कि उनके मददगारों पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है.