8th Pay Commission: पेंशनर्स की मांग को मिल सकता समर्थन, 12 साल में मिलेगी पूरी कम्यूटेड पेंशन

केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है. कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से चली आ रही मांग, कि कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष किया जाए, अब जोर पकड़ रही है.

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8th Pay Commission: केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है. कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से चली आ रही मांग, कि कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष किया जाए, अब जोर पकड़ रही है.

नेशनल काउंसिल (जेसीएम) ने इस मांग को अपने चार्टर ऑफ डिमांड में शामिल किया है. यदि यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पूरी पेंशन जल्दी मिलने लगेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

कम्यूटेड पेंशन क्या है?

कम्यूटेड पेंशन वह एकमुश्त राशि है, जो सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी पेंशन के एक हिस्से के रूप में ले सकता है. इसके बदले सरकार मासिक पेंशन से एक निश्चित राशि काटती है, जो वर्तमान में 15 वर्ष तक चलती है. इस अवधि के बाद ही पूरी पेंशन बहाल होती है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 15 साल का समय बहुत लंबा है और कम ब्याज दरों के कारण यह आर्थिक रूप से नुकसानदायक है.

पेंशनर्स को लाभ

कर्मचारी यूनियनों का तर्क है कि 15 साल की कटौती अवधि के कारण पेंशनर्स को आर्थिक नुकसान होता है. 12 साल की अवधि लागू होने से रिटायर्ड कर्मचारियों को जल्दी पूरी पेंशन मिलेगी, जो उनकी बढ़ती स्वास्थ्य और पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगी.

सरकारी कदम और भविष्य की संभावनाएं

सरकार ने संकेत दिए हैं कि यह मांग 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल हो सकती है. हालांकि, आयोग का गठन और इसकी सिफारिशें 2026 तक लागू होने की संभावना है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

12 साल की बहाली अवधि लागू होने से पेंशनर्स को जल्दी आर्थिक स्थिरता मिलेगी. यह बदलाव न केवल नए रिटायर्ड कर्मचारियों, बल्कि पुराने पेंशनर्स को भी लाभ पहुंचा सकता है, यदि इसे पूर्व प्रभाव से लागू किया जाता है.