Afghanistan vs Pakistan meeting: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने अगले दौर की मीटिंग तुर्की में आयोजित करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी अफगान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दी. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के देश में किसी भी हिंसक या आक्रामक गतिविधि का समर्थन न करने और क्षेत्र में स्थिरता, सहयोग तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर सहमति जताई.
सुहैल शाहीन ने कतर और तुर्की के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. इससे पहले, कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि दोहा में आयोजित बातचीत के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति बनाई थी.
दोनों देशों के रक्षा मंत्री रहे मौजूद
अफगान अधिकारियों के अनुसार, अफगानिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब के नेतृत्व में काबुल प्रतिनिधिमंडल ने दोहा वार्ता में भाग लिया. वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का नेतृत्व किया.
पिछले कुछ दिनों में सीमा पर हुई झड़पों और हमलों में कई सैनिक, नागरिक और आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान का आरोप है कि TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) अफगानिस्तान से हमला कर रहा है, और अफगान सरकार को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हवाई हमला किया, जिसमें तीन अफगान क्रिकेट खिलाड़ी भी मारे गए. इसके बाद अफगान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान में होने वाली टी20 सीरीज से नाम वापस ले लिया.
सीजफायर और चुनौती
दोनों देशों ने 15 अक्टूबर को 48 घंटे का सीजफायर लागू किया था, जो शुक्रवार शाम 6 बजे समाप्त हुआ. इसे बढ़ाने पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने हमला किया. पाक सेना प्रमुख ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे.
विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच इस तरह की मध्यस्थता और संवाद क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोहा और तुर्की में हुई वार्ता का वास्तविक असर अभी तक सीमित रहा है. अगले दौर की बैठक में दोनों पक्षों से उम्मीद है कि वे सीजफायर और सुरक्षा उपायों को स्थायी रूप देंगे.