ब्रह्मोस मिसाइल अपनी 2.8 से 3 मैक (लगभग 3700 किमी/घंटा) की गति के साथ विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है.
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भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम
यह मिसाइल भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है, जिसका नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों से प्रेरित है.
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बहु-मंच उपयोग की क्षमता
ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र, हवा और पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है, जो इसे अत्यधिक बहुमुखी बनाता है.
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सटीक निशाना और घातक शक्ति
यह 300 किलोग्राम तक के वारहेड के साथ 300-550 किमी की दूरी तक सटीक हमला कर सकती है.
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ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका
7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस का उपयोग पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया.
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उन्नत स्वदेशी तकनीक
ब्रह्मोस के नवीनतम संस्करणों में स्वदेशी साधक और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं, जो भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं.
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निर्यात की संभावना
भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात की है, और अन्य देशों के साथ भी बातचीत चल रही है.
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हाइपरसोनिक संस्करण पर कार्य
ब्रह्मोस-II, एक हाइपरसोनिक मिसाइल, जो 7-8 मैक की गति से उड़ सकती है, विकास के चरण में है.
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भारतीय सेना की रीढ़
यह मिसाइल भारतीय नौसेना, थलसेना और वायुसेना की रणनीतिक ताकत को बढ़ाती है, विशेष रूप से समुद्री और सीमा सुरक्षा में.