Punjab Flood Crisis 2025: पंजाब इस समय इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ की चपेट में है, जिसने राज्य के 1000 से अधिक गांवों और लाखों लोगों को प्रभावित किया है. गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर जैसे जिले इस प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक जूझ रहे हैं.
लगभग 3 लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इस संकट के बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से तत्काल सहायता की मांग की है.
केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की मांग
CM भगवंत मान ने PM मोदी को पत्र लिखकर पंजाब का रुका हुआ 60,000 करोड़ रुपये का फंड तुरंत जारी करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह धनराशि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और पुनर्वास के लिए अत्यंत आवश्यक है. मान ने इस कठिन समय में केंद्र सरकार से पंजाब के लोगों के साथ खड़े होने की अपील की है, ताकि प्रभावित समुदायों को तत्काल राहत प्रदान की जा सके.
किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा
पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की योजना बनाई है. हालांकि, इसके लिए केंद्र सरकार की सहमति और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) के नियमों में संशोधन की आवश्यकता है. सीएम मान ने केंद्र से नियमों में बदलाव की मांग की है, ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति को स्थिर किया जा सके.
सरकार का राहत कार्यों में सक्रिय रुख
मान सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करने के लिए कई कदम उठाए हैं. कैबिनेट मंत्रियों को प्रभावित इलाकों में भेजकर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है, और विशेष गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं ताकि नुकसान का सटीक आकलन हो सके.