Yamuna pollution: नदी से उठती दुर्गंध ने स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की हालिया रिपोर्ट में यमुना के पानी में सीवेज और प्रदूषकों की मात्रा तय मानकों से कहीं ज़्यादा पाई गई है.
किसानों के गंभीर आरोप
स्थानीय किसानों का दावा है कि हरियाणा से रासायनिक प्रदूषित जल यमुना में छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते मछलियों की मौत हो रही है. उनके अनुसार, 8 नंबर नहर के माध्यम से जहरीला और गंदा पानी नदी में प्रवाहित होता है.
यह समस्या नई नहीं है; बार-बार ऐसा दूषित जल यमुना में मिलाया जाता है, जिससे नदी का पानी धीरे-धीरे और अधिक विषाक्त हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पानी का उपयोग अब सामान्य कार्यों, जैसे कि हाथ धोने के लिए भी असंभव हो गया है.
यमुना का बिगड़ता स्वरूप
अब यह जहरीली हो चुकी है, जिसका असर न केवल मछलियों, बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. इस गंभीर मुद्दे पर अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम या आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. स्थानीय लोग प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं.