महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पास एक दिल दहला देने वाली घटना में ट्रेन की चपेट में आकर कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. यह दुर्घटना तब घटी जब कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर पटरी पर चलने लगे थे, और तभी एक तेज रफ्तार ट्रेन ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे में कई अन्य यात्री घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.
घटना की जानकारी
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा जलगांव जिले के नजदीकी रेलवे स्टेशन के पास हुआ. स्थानीय पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह घटना उस समय घटी जब ट्रेन के कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर पटरी पर चलने लगे थे. अचानक, तेज रफ्तार से आ रही एक ट्रेन ने उन्हें रौंद दिया. इस दुर्घटना में कई यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. राहत और बचाव कार्य जारी है, और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
#WATCH | Jalgaon, Maharashtra: 11 people died and 5 others were injured as the passengers of Pushpak Express were hit by Karnataka Express in Pachora of Jalgaon district.
— ANI (@ANI) January 22, 2025
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रेलवे और स्थानीय प्रशासन का बयान
रेलवे अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की जांच शुरू कर दी है. साथ ही, मृतकों के परिजनों को शीघ्र राहत राशि देने की घोषणा की गई है. स्थानीय प्रशासन ने भी राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त बल भेजा है, और घायल यात्रियों को इलाज के लिए सभी संभव सहायता प्रदान की जा रही है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस दुर्घटना के कारण रेलवे ट्रैक पर कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया था, लेकिन स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है.
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि कैसे यात्री इतनी बड़ी संख्या में ट्रेन से उतरकर पटरी पर आ गए. क्या उन्हें सुरक्षा संबंधित चेतावनी दी गई थी? और क्या रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए थे?
जलगांव के पास हुई इस दर्दनाक घटना में 10 से अधिक लोगों की जान चली गई, जो रेलवे सुरक्षा और यात्री जागरूकता के लिहाज से एक बड़ी चिंता का विषय है. इस दुर्घटना से यह संदेश मिलता है कि रेलवे सुरक्षा के उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके. प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को इस घटना से गंभीरता से निपटने की जरूरत है, और साथ ही यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए.