बिहार के भागलपुर में 29 जनवरी को पत्रकारों के साथ हुए हमले और बदसलूकी के मामले में जदयू सांसद अजय मंडल ने अस्पताल जाकर पीड़ित पत्रकारों से माफी मांगी. इस घटना ने राजनीति में एक नया मोड़ लिया, जब सांसद ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पत्रकारों को बुरी तरह पीटा था. घटना के बाद से दोनों पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल में भर्ती थे.
सांसद ने हाथ जोड़कर मांगी माफी
सांसद अजय मंडल ने पीड़ित पत्रकारों कुणाल शेखर और सुमित से हाथ जोड़कर माफी मांगी. उन्होंने कहा, "आइंदा ऐसा नहीं होगा, मैं वचन देता हूं," और इस घटना को लेकर शर्मिंदगी भी जाहिर की. यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब सांसद देर रात अस्पताल पहुंचे थे, जहां पत्रकार और उनके समर्थक मौजूद थे. अस्पताल में मौजूद सभी पत्रकारों के सामने सांसद ने अपनी गलती स्वीकार की और माफी मांगी.
कुणाल शेखर का सवाल: "मेरी क्या गलती थी?"
पत्रकार कुणाल शेखर, जो इस हमले का शिकार हुए थे, सांसद से बार-बार यह सवाल पूछ रहे थे, "मेरी क्या गलती थी, जो मुझे आतंकवादियों की तरह पीटा गया?" इस सवाल पर सांसद अजय मंडल शर्मिंदगी के साथ उनके पास पहुंचे और उनका हाथ पकड़कर माफी मांगी.
सांसद का बदलता बयान
मूल रूप से, सांसद अजय मंडल ने घटना के बाद कहा था कि पत्रकारों ने उनके बॉडीगार्ड से मारपीट की थी और हथियार छीनने का प्रयास किया था. हालांकि, अब उनका बयान बदल चुका है. सांसद ने अस्पताल में कहा कि इस हमले के लिए उनके बॉडीगार्ड जिम्मेदार थे और पत्रकारों की कोई गलती नहीं थी.
घटना की पृष्ठभूमि
29 जनवरी को भागलपुर हवाई अड्डा गेट पर जदयू सांसद अजय मंडल ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पत्रकारों कुणाल शेखर और सुमित की बुरी तरह पिटाई की थी. घटना के बाद से दोनों पत्रकार अस्पताल में भर्ती थे. इस हमले के बाद पत्रकारों और सांसद के बीच एक गहरी खाई बन गई थी, लेकिन अब सांसद ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी है.
सांसद अजय मंडल का यह कदम यह दर्शाता है कि सार्वजनिक दबाव के कारण उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार किया. हालांकि, यह घटना पत्रकारों के प्रति हिंसा और सत्ता के दुरुपयोग की गंभीरता को उजागर करती है, जो लोकतंत्र की ताकत को कमजोर करता है.