Pahalgam Terror attack: दिल्ली पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सहायक उप निरीक्षक (ASI) मोती राम जाट को गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक अहम मामले में यह गिरफ्तारी की गई है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. मोती राम जाट पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तैनात था, उसे दिल्ली में हिरासत में लिया गया.
पहलगाम से ट्रांसफर
जांच एजेंसियों के अनुसार, मोती राम जाट का ट्रांसफर पहलगाम से दिल्ली में 22 अप्रैल को हुए एक आतंकी हमले से मात्र छह दिन पहले हुआ था. सूत्रों का कहना है कि यह हमला, जिसमें सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था, संदिग्ध रूप से जासूसी से जुड़ा हो सकता है. जाट पर आरोप है कि उन्होंने संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंसियों को लीक की, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों ने मोती राम जाट की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी थी. उनकी संदिग्ध गतिविधियों और विदेशी संपर्कों की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई. जाट को 22 अप्रैल के हमले से पहले ही जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था, लेकिन उनकी गिरफ्तारी की खबर अब सामने आई है. जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जाट ने किन-किन जानकारियों को साझा किया और उनके नेटवर्क में कौन-कौन शामिल था.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल खड़े किए हैं. सुरक्षा बलों के एक जवान पर जासूसी का आरोप न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आंतरिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है. जांच एजेंसियां इस मामले में गहराई से पड़ताल कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.