अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी, महंत रामदास दास का निधन हो गया. उन्होंने लखनऊ स्थित पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका निधन धार्मिक समुदाय के लिए एक बड़ा आघात है, क्योंकि वह राम मंदिर के पूजन कार्यों के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध थे और राम मंदिर परिसर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे. महंत रामदास दास की पुण्यतिथि ने न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं को गहरा शोक संतप्त किया है.
पीजीआई में इलाज के दौरान निधन
महंत रामदास दास की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी. उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्होंने मंगलवार को उपचार के दौरान अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद से राम मंदिर परिसर में शोक की लहर दौड़ गई है और श्रद्धालु उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं.
राम मंदिर में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता
महंत रामदास दास का राम मंदिर के प्रति योगदान अनमोल था. वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पहले भी मंदिर में प्रमुख पूजा अर्चना का हिस्सा रहे थे. उनके मार्गदर्शन में मंदिर के धार्मिक कार्यों को पूरी श्रद्धा और निष्ठा से संपन्न किया गया. उनकी सेवा और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. महंत रामदास दास के निधन के बाद राम मंदिर में पूजा विधियों के संचालन में एक महत्वपूर्ण रिक्तता उत्पन्न हो गई है, जिसे भरने के लिए मंदिर समिति और श्रद्धालुओं ने संकल्प लिया है.
धार्मिक समुदाय में शोक
महंत रामदास दास के निधन की खबर के बाद उनके शिष्य, भक्त और स्थानीय लोग गहरे शोक में डूबे हुए हैं. अयोध्या के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर श्रद्धालुओं ने उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं कीं. उनके परिवार और शिष्यों ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी हैं.
महंत रामदास दास का निधन अयोध्या और पूरे धार्मिक समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनकी सेवा, निष्ठा और राम मंदिर के प्रति उनकी श्रद्धा को हमेशा याद रखा जाएगा. उनके योगदान ने न केवल राम मंदिर के पूजा कार्यों को एक नया रूप दिया, बल्कि उन्होंने भारतीय धार्मिक जीवन में भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया.