सुप्रीम कोर्ट में CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश, वकील ने सनातन के अपमान पर काटा बवाल

Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर एक चौंकाने वाली घटना में जूता फेंकने की कोशिश की गई. यह घटना सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुई. आरोपी, वकील राकेश किशोर, को तुरंत हिरासत में ले लिया गया.

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Courtesy: X (@SumantY13909731)

Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर एक चौंकाने वाली घटना में जूता फेंकने की कोशिश की गई. यह घटना सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुई. आरोपी, वकील राकेश किशोर, को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. अदालत के कर्मचारियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया. राकेश ने जूता फेंकने से पहले चिल्लाकर कहा, "सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा." इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है.

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई इस घटना के दौरान पूरी तरह शांत रहे. उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों का उन पर कोई असर नहीं पड़ता. उन्होंने अदालत की कार्यवाही को बिना रुके जारी रखने का निर्देश दिया. उनकी इस शांत प्रतिक्रिया की कई लोगों ने सराहना की. दिल्ली पुलिस और सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा अधिकारी अब राकेश से पूछताछ कर रहे हैं. यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इस हमले के पीछे उसका मकसद क्या था.

न्यायपालिका की गरिमा को ठेस

सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने इस घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह हमला निंदनीय है. यह CJI की धार्मिक टिप्पणियों के खिलाफ प्रतिक्रिया हो सकता है. रोहित ने मांग की कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं. इस घटना की जड़ खजुराहो के जावरी मंदिर से जुड़े एक मामले में है. 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने भगवान विष्णु की सात फुट ऊँची मूर्ति के पुनर्निर्माण की याचिका खारिज कर दी थी. CJI गवई ने इसे प्रचार हित याचिका करार दिया. उन्होंने टिप्पणी की, जाओ, भगवान से प्रार्थना करो. थोड़ा ध्यान करो. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकार क्षेत्र में है.

CJI की टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर बवाल

CJI ने आगे कहा कि अगर तुम शैव धर्म के विरोधी नहीं हो, तो वहां शिवलिंग की पूजा कर सकते हो. खजुराहो में शिव का एक विशाल लिंग है. उनकी इस टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया. कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया. इसके बाद CJI ने स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को गलत समझा गया. उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सम्मान जताया. CJI की टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं.  इस विवाद ने घटना को और हवा दी. राकेश किशोर की हरकत को इसी विवाद से जोड़ा जा रहा है.