Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब भारतीय सेना को बदनाम करना नहीं है. कोर्ट ने यह टिप्पणी राहुल गांधी के खिलाफ दायर एक मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान की.
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग देश की सेना जैसी सम्मानित संस्था को अपमानित करने के लिए नहीं किया जा सकता. यह मामला राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.
मानहानि का मुकदमा
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा उनकी एक विवादास्पद टिप्पणी के कारण दर्ज किया गया था. साल 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिक भारतीय जवानों की पिटाई कर रहे हैं.
इस बयान को सेना के मनोबल को कम करने और उनकी छवि को धूमिल करने वाला माना गया, जिसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हुई. इस टिप्पणी ने न केवल राजनीतिक विवाद को जन्म दिया, बल्कि देशभर में व्यापक बहस को भी हवा दी.
कोर्ट की सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राहुल गांधी के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल सेना का अपमान करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर गलत धारणा भी बनाते हैं. इस मामले में आगे की सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं.
उसका व्यापक प्रभाव
राहुल गांधी का यह बयान और कोर्ट की फटकार राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस का कारण बन गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी और जिम्मेदार बयानबाजी के बीच संतुलन पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दे सकता है.