Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है, और चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टर वार तेज हो गया है. राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को रिझाने के लिए अलग-अलग पोस्टर लगा रहे हैं. पहले बीजेपी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंच से दोहराया. बीजेपी के इस नारे पर लोग अलग-अलग तरह की व्याख्या कर रहे हैं. इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा दिया है, जिस पर अब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
लखनऊ के राजभवन चौराहे से समाजवादी पार्टी कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का पोस्टर लगा है. यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता विजय प्रताप यादव द्वारा लगवाया गया है. दोनों दलों के पोस्टर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी साझा किए गए हैं. अखिलेश यादव ने इन नारों के संदर्भ में कहा कि जैसा नजरिया होता है, वैसा ही नारा होता है. उन्होंने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ नारे को सकारात्मक राजनीति का प्रतीक बताया.
नारों के इर्द-गिर्द घूम रही राजनीति
समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन का हिस्सा है और उसका मानना है कि इन्हें जोड़ने पर ही 2027 की सत्ता में वापसी हो सकती है. दूसरी ओर बीजेपी का मानना है कि अगर सब जातिगत विभाजन से ऊपर उठकर साथ रहेंगे तो सफलता मिलेगी.
जिनका नज़रिया जैसा, उनका नारा वैसा!#जुडेंगे_तो_जीतेंगे#सकारात्मक_राजनीति https://t.co/0fKPWTRwbX
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 1, 2024
यूपी की राजनीति अब इन नारों के इर्द-गिर्द घूम रही है. जहां अखिलेश यादव बीजेपी के नारे को नकारात्मक बताते हैं, वहीं सत्तारूढ़ दल के नेता इसे सही ठहरा रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नारे उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों पर कितना असर डालते हैं.
जुड़ेंगे तो जीतेंगे
यूपी में 80-20 की राजनीति भी उभर रही है. बीजेपी अपने नारों और पोस्टरों के माध्यम से 80% आबादी को साधने की कोशिश में है, इसलिए ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की बात कर रही है. वहीं पीडीए का ध्यान 20% आबादी पर है और वह ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ के जरिए इन लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने वाराणसी में योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई किसी को बांटने का काम नहीं कर रहा है, बल्कि यह काम खासकर बीजेपी करती है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी कहा कि चुनाव आते ही बीजेपी हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे उठाने लगती है और यह पार्टी हमेशा हिंदू राष्ट्र की बात करती है.