रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का अनमोल त्यौहार है. इस बार 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. यह पर्व रिश्तों में मिठास और एक-दूसरे के प्रति समर्पण को बढ़ाता है.
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राखी बांधने की परंपरा
इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु और सुरक्षा की कामना करती हैं. भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करता है. यह परंपरा दोनों के बीच प्यार और विश्वास को और मजबूत करती है.
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पहला शक्तिशाली मंत्र
राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप करें:
"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वं प्रतिबध्नामि रक्षा माँ चल माँ चलः"
अर्थ: यह राखी भाई की रक्षा करे, जैसे राजा बलि की रक्षा हुई थी.
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दूसरा शक्तिशाली मंत्र
"ॐ भूर् भुवः स्वः
तत् सवितुर वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्"
अर्थ: यह मंत्र ईश्वर से प्रार्थना करता है कि भाई को सही दिशा और शक्ति मिले.
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मंत्रों का आध्यात्मिक महत्व
हिंदू संस्कृति में मंत्र जाप सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. राखी बांधते समय मंत्रों का उच्चारण रक्षा सूत्र को और शक्तिशाली बनाता है, जो नकारात्मकता को दूर कर रिश्ते को आशीर्वाद देता है.
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राखी बांधने की सही विधि
बहन का मुख पूर्व और भाई का पश्चिम दिशा में हो.
भाई के माथे पर तिलक लगाएँ, मंत्र पढ़ें और राखी बांधें.
थाली में राखी, रोली, चावल और मिठाई रखें.
आरती करें और थाली को चारों ओर घुमाएं.
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राखी का सही स्थान
राखी हमेशा भाई के दाहिने हाथ पर बांधें. यह पवित्र धागा भाई की सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है. मिठाई चढ़ाकर और प्रार्थना करके इस पल को और खास बनाएँ.
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रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन केवल एक धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. इस त्यौहार को उत्साह और आध्यात्मिकता के साथ मनाकर अपने रिश्ते को और मजबूत करें.