भारतीय सेना ने बुधावर के तड़के पाकिस्तान और POJK के नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया.
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पहलगाम आतंकी हमले का जवाब
भारत द्वारा यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या की गई थी.
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दोनों में क्या है अंतर?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान के आतंकी कैंपों और पीओजेके के आतंकी ठिकानों में क्या अंतर है?
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दोनो ठिकानों को क्यों बनाया निशाना
आज हम आपको बतातें है कि इन दोंनों में क्या फर्क है? और भारतीय सेना ने दोनो ठिकानों को निशाना क्यों बनाया?
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पाकिस्तानी आतंकी कैंप
पाकिस्तानी आतंकी कैंपों काफी बड़े और सभी सुविधाओं से लैस होते हैं. जहां रहने से लेकर खाने-पीने और सभी तरह की सुविधा होती है.
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आतंकवादी बनने की तैयारी
यहां 10 से 12 साल के बच्चे को लाकर उनका माइंड वॉस किया जाता है और यहां उन्हें आतंकवादी बनने की तैयारी दी जाती है.
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शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग
इन ठिकानों पर सभी बच्चों 6 से 7 साल तक शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग लेते हैं और फिर पूरी तरह से तैयार होते हैं.
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लाइन ऑफ एवयुल कंट्रोल
इसके बाद उन युवा आतंकवादियों को POJK लाया जाता है, जो की लाइन ऑफ एवयुल कंट्रोल के पास होता है.
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घुसपैठ और सर्वाइवल ट्रेनिंग
यहां उन्हें 2 से 4 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें घुसपैठ और सर्वाइवल सिखाया जाता है. जंगल, पानी और पहाड़ों पर ट्रेनिंग लेने के बाद ये आतंकी फिर हमला के लिए पूरी तरह तैयार होते हैं.